बछ बारस के दिन जरूर पढ़ें यह व्रत कथा..........
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एक साहूकार था जिसके सात बेटे थे एक बार साहूकार ने एक तालाब बनवाया लेकिन 12 वर्षो तक भी वह तालाब नहीं भर पाया |
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साहूकार परेशान होकर विद्वान पंडित के पास गया और उनसे पूछा कि इतने दिन हो गए लेकिन मेरा तालाब क्यों नहीं भरता है ?
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तब पंडित ने कहा कि बड़े बेटे या बड़े पोते की बलि देनी होगी तब यह तालाब भरेगा |
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साहूकार ने पंडित की बात मानकर अपनी बहु को पिहर भेज दिया साहूकार की बहु हमेशा बछ बारस का व्रत करती थी
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बड़ी बहु के पिहर जाने के बाद साहूकार ने अपने बड़े बेटे की बलि चढ़ा दी |
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तब घनघोर मेघ बरसने लगे और तालाब भर गया जब साहूकार अपने परिवार को लेके गया पूजा करने तब उसका बड़ा बेटा मिटटी में लिपटा हुआ उसका बड़ा बेटा निकला |
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यह सब बड़े बहु की बछ बारस की व्रत का आशीर्वाद था यह व्रत हर बेटे की माँ को बछ बारस का व्रत करना चाहिए|
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